Tuesday, November 17, 2009

मेरे साहिब




ये चेहरा बन के दर्पण
हो तुझको अर्पण प्रियतम
मुझमे हो छाया तेरी
तेरा साया हो ये जीवन

मेरी सांस-सांस सुमिरे तुझे
मेरा रोम-रोम करे वंदन
हो नयन मेरे, आंसू तेरे
हर भाव हो तुझसा पावन

1 comment:

Jubi Taneja said...

no words to express my feelings .... just love the composition tooooo much..