गुरु चरण जहाँ पड़े वो माटी पावन जान
जहाँ गुरु दर्शन भये वो सच्चा तीरथ स्थान
लोग कई बार असमंजस में पड़ जाते है कि इन टीचर्स को आखिर मिलता क्या है? ये क्यों जगह जगह घूम लोगो को सुदर्शन क्रिया सिखाते है, सत्संग कराते है, इंट्रो-टॉक देते है? कई लोग तो ये भी सोचते है कि हमें ज़रूर भारी कमीशन मिलता होगा। भाई कमीशन तो मिलता है और वो भी बड़ा भारी! कोई आज के ज़माने में कोड़ियो के भाव तृप्ति बेचे तो कोई क्यों न ले? संतुष्टि का कमीशन मिलता है और उसपर कृपा का बोनस भी। जब चलते है तो लगता है कि ये पैर अपने नहीं नारायण के है। जब बोलते है तो लगता है जाने कहा से रस फूट-फूट कर निकल रहा है। अगर अपने आप से प्रेम में पड़ना है तो किसी को सुदर्शन-क्रिया भेट करके देखो, अपने होने पर गर्व होने लगेगा। ये रस जितना बांटो बढ़ता है। जितना प्रेम दो, हज़ार गुना होकर वापस आता है। जीना क्या है धीरे धीरे समझ आ रहा है। देने का जो सुख है वो लेने से कितना बड़ा है। जय गुरु देव!