
कही कही से ये पैगाम अक्सर आता है
मेरी आँखों के किनारे नम करके
मेरे सीने को सुकूं दे जाता है....
कही कही से ये पैगाम अक्सर आता है...
सुना है तू लोगो के दिलो में बसने लगा है
उनके गम बांटता है, उनके संग हंसने लगा है...
गाँव में तेरी अम्मी का बड़ा नाम है...
गरीब बुढ़िया को अब सरपंच का भी सलाम है...
बस तेरी याद बहुत आती है...
कही तेरे काम में आड़े न आ जाऊं ये सोचकर
तेरी माँ चुप रह जाती है...
कही कही से ये पैगाम अक्सर आता है
मेरी आँखों के किनारे नम करके
मेरे सीने को सुकूं दे जाता है....
सुना है तू देश-देश घूमता है
बड़े-बड़े लोगो से मिलता है
अच्छा है... बहुत उम्दा है...
तेरे भेजे हुए खूब सारे पैसे
हर महीने मिल जाते है
पर सोचती हूँ काश
तेरे साथ की एक छत भी मिल पाती...
कमी नहीं है.....
बस तू नहीं है....
कही कही से ये पैगाम अक्सर आता है
मेरी आँखों के किनारे नम करके
मेरे सीने को सुकूं दे जाता है....
1 comment:
Beautiful!!!
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